Hindi Poetry | Travelogues
Saturday, March 19, 2011
Holi...
रंग हैं रे - रंगरेज़ कहे
कासे रंग तुझको जमते हों
कुछ ऐसे पक्के रे साथी
जो सपनों को भी रंगते हों
आप सभी को होली मुबारक ! इस अवसर पर हर्षोल्लास में सराबोर ये गीत !
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)