Hindi Poetry | Travelogues
Wednesday, February 20, 2013
मुलाक़ात
फिर एक मुलाक़ात
अधूरी रह गयी,
फिर एक सवाल
सवाल रह गया,
ज़ेब में मिले
सूखे हुए ख्याल,
फिर उनका अलाव जलाकर
ये सर्द रात काट रहा हूँ
--Hyderabad, Jan 20, 2013
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