।। कलम ।।
कलम ..
गिर चुका है हाथ से
या शायद हो अभी
पर मुझे एहसास नहीं
क्योंकि ..
मैं देख नहीं सकता
और अब तो शायद
महसूस भी नहीं
कहते हैं लिखने में
दिल का होना ज़रूरी है
और दिल में जज़्बातों का,
रहा होगा शायद कभी
दिल भी मेरे पास
और उस दिल में
कुछ जज़्बात
जो क़ारोबार की
जद्दोजहद में
दम तोड़ गए
या शायद
मेरे ही हाथों
क़त्ल हो गए
अफ़सोस तो है
मगर डर भी लगता है
दिल से, जज़्बातों से
हैरत से, ख़यालों से
कहीं कमज़ोर न पड़ जाऊं,
ज़िन्दगी के शोर्ट स्प्रिंट में
ट्रैक से न भटक जाऊं
पिछले सालों के यार दोस्त
वो कुछ नज्में, कुछ रुबाई
जो बड़ी शिद्दत से लिखी थीं
कभी कभी आ जातीं हैं
मुझसे मिलने,
तो ख़ादिम से कह देता हूँ
के कह दो
नहीं रहता अब मैं यहाँ
नहीं रहता अब मैं यहाँ
कलम ..
शायद गिर चुका है हाथ से
कलम ..
गिर चुका है हाथ से
या शायद हो अभी
पर मुझे एहसास नहीं
क्योंकि ..
मैं देख नहीं सकता
और अब तो शायद
महसूस भी नहीं
कहते हैं लिखने में
दिल का होना ज़रूरी है
और दिल में जज़्बातों का,
रहा होगा शायद कभी
दिल भी मेरे पास
और उस दिल में
कुछ जज़्बात
जो क़ारोबार की
जद्दोजहद में
दम तोड़ गए
या शायद
मेरे ही हाथों
क़त्ल हो गए
अफ़सोस तो है
मगर डर भी लगता है
दिल से, जज़्बातों से
हैरत से, ख़यालों से
कहीं कमज़ोर न पड़ जाऊं,
ज़िन्दगी के शोर्ट स्प्रिंट में
ट्रैक से न भटक जाऊं
पिछले सालों के यार दोस्त
वो कुछ नज्में, कुछ रुबाई
जो बड़ी शिद्दत से लिखी थीं
कभी कभी आ जातीं हैं
मुझसे मिलने,
तो ख़ादिम से कह देता हूँ
के कह दो
नहीं रहता अब मैं यहाँ
नहीं रहता अब मैं यहाँ
कलम ..
शायद गिर चुका है हाथ से
--Hyderabad, Dec 24, 2012
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